उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए महाकुंभ क्षेत्र को नया जिला घोषित कर दिया गया है। इस महत्वपूर्ण फैसले ने प्रशासनिक हलचल बढ़ा दी है। नए जिले के गठन के साथ ही 67 गांवों को शामिल किया गया है, और इसके लिए जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक की नियुक्ति भी कर दी गई है।
4 तहसीलों के 67 गांव शामिल
सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, नए जिले में प्रयागराज की चार तहसीलों के 67 गांव शामिल किए गए हैं:
तहसील सदर: 25 गांव
तहसील सोरांव: 3 गांव
तहसील फूलपुर: 20 गांव
तहसील करछना: 19 गांव
इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य महाकुंभ 2025 की तैयारियों को बेहतर और सुव्यवस्थित बनाना है। यह जिला अस्थाई तौर पर बनाया गया है, लेकिन प्रशासन ने इसे ऐतिहासिक कदम बताते हुए इसकी अहमियत को रेखांकित किया है।
नए जिले के डीएम और एसपी का कार्यभार
महाकुंभ क्षेत्र जिले के पहले कलेक्टर का कार्यभार मेलाधिकारी विजय किरन आनंद संभालेंगे। उनके नेतृत्व में महाकुंभ की तैयारियों को तेज किया जाएगा। वहीं, कानून व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए राजेश द्विवेदी को एएसपी नियुक्त किया गया है।
महाकुंभ की तैयारियों को मिलेगा बूस्ट
महाकुंभ क्षेत्र को नया जिला घोषित करने का निर्णय इस धार्मिक आयोजन को ग्लोबल स्तर पर प्रचारित करने और यहां आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को सुविधाएं प्रदान करने के लिए लिया गया है। महाकुंभ 2025 के लिए अनुमानित 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन की उम्मीद है, जिसके लिए प्रशासनिक तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।
क्षेत्रीय जनता में खुशी
नए जिले के गठन से स्थानीय निवासियों में उत्साह है। यह निर्णय विकास परियोजनाओं को गति देने और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद करेगा। स्थानीय नेताओं और पंचायतों ने इस पहल का स्वागत किया है और इसे क्षेत्रीय विकास के लिए मील का पत्थर बताया है।
प्रयागराज की ऐतिहासिक पहचान को मिलेगा सम्मान
महाकुंभ क्षेत्र का नया जिला बनना न केवल प्रशासनिक दृष्टि से बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिहाज से भी ऐतिहासिक कदम है। यह क्षेत्र दुनिया भर में प्रसिद्ध है और इस फैसले से इसकी पहचान और सुदृढ़ होगी।
महाकुंभ क्षेत्र का नया जिला बनने से क्षेत्र के विकास और महाकुंभ की तैयारियों को नई दिशा मिलेगी। यह फैसला उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक दक्षता और धार्मिक आयोजनों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
