सुनील निगम/चौमहला: नेत्रदान मृत्यु के बाद भी इस दुनिया को देखने का श्रेष्ठ माध्यम है एवं नेत्रदान के माध्यम से दो असहाय नेत्रहीन लोगों को नई नेत्र ज्योति दी जा सकती है, जैसे-जैसे लोगों को यह जानकारी मिलने के बाद कि नेत्रदान में केवल कोर्निया ही लिया जाता है एवं इससे चेहरे पर कोई विकृति नहीं आती, धीरे-धीरे नेत्रदान जागरूकता पूरे झालावाड़ जिले में बढ़ती जा रही है। इसी जागरूकता का परिचय देते हुए चोमेहला कस्बे से चौथा नेत्रदान प्राप्त हुआ है।
शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र एवं भारत विकास परिषद के नेत्रदान प्रभारी कमलेश दलाल ने बताया कि चौमहला निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक रमेश चंद्र निगम की धर्मपत्नी रमाबाई निगम के देवलोकगमन होने के बाद समाजसेवी अमित अग्रवाल की पुत्र राजकीय शिक्षक कुंजबिहारी निगम एवं सुपौत्र डॉक्टर शुभम निगम से नेत्रदान के लिए चर्चा हुई, शिक्षित होने के साथ-साथ गायत्री परिवार के माध्यम से परोपकार से जुड़े हुए होने के कारण परिवार के द्वारा तुरंत रमा देवी के नेत्रदान करने का निर्णय ले लिया गया, इस पर भवानीमंडी निवासी कमलेश दलाल एवं रामगंजमंडी निवासी दिनेश डबकरा अमित की सूचना पर कोटा से शाइन इंडिया फाउंडेशन की टीम ने 200 किलोमीटर दूर चौमहला पहुंचकर रात्रि में नेत्रदान प्राप्त किया। देर रात्रि को संपन्न नेत्रदान प्रक्रिया के समय भी बड़ी संख्या में नगरवासी उपस्थित थे एवं सभी ने अपनी आंखों से नेत्रदान प्रक्रिया को देखकर जानकारी को प्राप्त किया कि नेत्रदान से चेहरे पर कोई प्रभाव नहीं होता, इस छोटी सी प्रक्रिया में शरीर से रक्त भी नहीं आता। नेत्रदान प्रकिया 15 मिनट में संपन्न हो गई।
नैत्रदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद शाइन इंडिया फाउंडेशन के द्वारा परोपकार के प्रेरणास्पद कार्य के लिए परिवारजनों को प्रशस्ति पत्र भेंट किया। शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉक्टर कुलवंत गौड़ एवं नेत्र उत्सरक उत्कर्ष मिश्रा ने बताया कि स्वर्गीय रमादेवी निगम का कॉर्निया अच्छा पाया गया है, जिसे आई बैंक जयपुर भिजवा दिया गया है जहां यह दो नेत्रहीनों को नई नेत्र ज्योति प्रदान कर सकेगा।
समाजसेवी अमित अग्रवाल ने बताया कि चौमहला से यह चौथा नेत्रदान है, इससे पूर्व में भी धापूबाई जैन, मोहनबाई जैन, एवं शिक्षक सुरेश जैन का नेत्रदान भी चौमहला से प्राप्त हो चुका है। धीरे-धीरे भ्रांतियां का निवारण होने के बाद चौमहला में नेत्रदान के प्रति जागरूकता बढ़ती जा रही है।
