नई दिल्ली, 28 मार्च 2025 – ईद के नजदीक आते ही राष्ट्रीय राजधानी में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद मुस्लिमीन (AIMIM) के दिल्ली अध्यक्ष शोएब जमई ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेताओं के हालिया बयानों पर पलटवार करते हुए कहा कि दिल्ली में ईद की नमाज होगी, और अगर मस्जिदों में जगह कम पड़ी तो सड़कों पर भी नमाज अदा की जाएगी। उनके इस बयान ने सार्वजनिक धार्मिक प्रथाओं पर चर्चा को फिर से हवा दे दी है।
जमई ने बीजेपी नेताओं पर “गलत बयानबाजी” का आरोप लगाते हुए कहा, “उन्हें पता होना चाहिए कि यह संभल या मेरठ नहीं, बल्कि दिल्ली है—सबकी दिल्ली। यहां ईद की नमाज होगी, और अगर मस्जिदों में जगह कम पड़ी तो सड़क पर, ईदगाहों में, और घरों की छतों पर भी होगी।” उन्होंने कांवड़ यात्रा का हवाला देते हुए तंज कसा, “जब कांवड़ यात्रा के लिए मुख्य सड़कें घंटों तक बंद हो सकती हैं, तो नमाज के लिए 15 मिनट का इंतजाम क्यों नहीं हो सकता?”
यह बयान ऐसे समय में आया है, जब ईद के दौरान सड़क जाम करने की आशंका को लेकर बीजेपी नेता पहले ही प्रशासन से सख्ती बरतने की मांग कर चुके हैं। दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। कुछ लोग जमई पर तनाव भड़काने का आरोप लगा रहे हैं, तो कुछ इसे धार्मिक अभिव्यक्ति पर कथित पाबंदियों के खिलाफ जवाब मान रहे हैं।
पिछले साल, दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मुस्लिम समुदाय की तारीफ की थी, जब ईद की नमाज मस्जिदों के अंदर हुई थी। उन्होंने इसे सौहार्द की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया था। लेकिन जमई के ताजा बयान से लगता है कि इस बार माहौल बदल सकता है। इससे दिल्ली में भीड़ प्रबंधन, जन सुविधा और अंतरधार्मिक सह-अस्तित्व को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
सोशल मीडिया पर इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है। जमई के समर्थक धार्मिक स्वतंत्रता की वकालत कर रहे हैं, वहीं आलोचक ट्रैफिक व्यवधान की चिंता जता रहे हैं। दिल्ली पुलिस और नागरिक प्रशासन ने अभी तक ईद की तैयारियों पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
ईद नजदीक आने के साथ ही दिल्ली में नजरें इस बात पर टिकी हैं कि यह मौका एकजुटता का प्रतीक बनेगा या विवाद का कारण। चर्चा अभी और गर्म होने वाली है।
