कानपुर देहात, 31 अगस्त 2025: नेशनल एंटी करप्शन एंड ऑपरेशन कमेटी ऑफ इंडिया के कानपुर देहात जिला अध्यक्ष अंकुर श्रीवास्तव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के विधान परिषद सदस्य (MLC) विच्छेलाल राम राजभर के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। श्रीवास्तव ने पत्र में दावा किया है कि MLC विच्छेलाल राजभर ने संदीप श्रीवास्तव, पुत्र गुड्डू लाल श्रीवास्तव, को फर्जी मुकदमे में फंसाकर जेल भेजने की धमकी दी है। इस मामले में उन्होंने मुख्यमंत्री से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
पत्र में क्या हैं आरोप?
अंकुर श्रीवास्तव ने अपने पत्र में लिखा है कि MLC विच्छेलाल राजभर ने कथित तौर पर संदीप श्रीवास्तव को धमकाया और फर्जी मुकदमे में फंसाने की बात कही। यह मामला कानपुर देहात के सामाजिक और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि ऐसी धमकियां न केवल व्यक्तिगत स्वतंत्रता के खिलाफ हैं, बल्कि यह कानून-व्यवस्था और सामाजिक न्याय के लिए भी खतरा हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मामले की गहन जांच और दोषी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
नेशनल एंटी करप्शन कमेटी का रुख
नेशनल एंटी करप्शन एंड ऑपरेशन कमेटी ऑफ इंडिया, जो भ्रष्टाचार और अनैतिक गतिविधियों के खिलाफ काम करने वाली एक संस्था है, ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। अंकुर श्रीवास्तव ने कहा, “हमारा संगठन भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ लड़ाई में प्रतिबद्ध है। यदि कोई जनप्रतिनिधि इस तरह की धमकियां देता है, तो यह न केवल गलत है, बल्कि लोकतंत्र के मूल्यों के खिलाफ भी है। हम चाहते हैं कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और पीड़ित को न्याय मिले।”
कानपुर देहात में बढ़ा तनाव
यह मामला कानपुर देहात में पहले से ही संवेदनशील सामाजिक और राजनीतिक माहौल में नया तनाव पैदा कर सकता है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, जो राजभर समुदाय के हितों का प्रतिनिधित्व करती है, और इसके नेता ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक शक्ति है। ऐसे में MLC विच्छेलाल राजभर पर लगे इन आरोपों का राजनीतिक प्रभाव भी हो सकता है।
मुख्यमंत्री से कार्रवाई की उम्मीद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो अपनी जीरो टॉलरेंस नीति के लिए जाने जाते हैं, से इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है। अंकुर श्रीवास्तव ने पत्र में मांग की है कि संदीप श्रीवास्तव को दी गई धमकियों की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित की जाए और दोषी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि इस मामले में उचित कदम नहीं उठाए गए, तो उनकी संस्था आगे की रणनीति पर विचार करेगी।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
कानपुर देहात के स्थानीय निवासियों में इस घटना को लेकर गहरी नाराजगी देखी जा रही है। कई लोग इस मामले को सामाजिक न्याय और व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जोड़कर देख रहे हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “यदि जनप्रतिनिधि ही इस तरह की धमकियां देंगे, तो आम आदमी का भरोसा कैसे कायम रहेगा? हम चाहते हैं कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषी को सजा मिले।”
आगे क्या?
यह मामला अब उत्तर प्रदेश की राजनीति और प्रशासन में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकता है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और इसके नेताओं की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। वहीं, अंकुर श्रीवास्तव ने स्पष्ट किया है कि उनकी संस्था इस मामले को लेकर पूरी तरह से सक्रिय रहेगी और पीड़ित संदीप श्रीवास्तव को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री कार्यालय से इस पत्र पर जल्द प्रतिक्रिया और कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है। इस बीच, यह मामला कानपुर देहात और आसपास के क्षेत्रों में चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
स्रोत: नेशनल एंटी करप्शन एंड ऑपरेशन कमेटी ऑफ इंडिया, कानपुर देहात
नोट: इस मामले में अभी तक MLC विच्छेलाल राजभर की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
